दिल्ली-सहारनपुर नेशनल हाईवे पर जलालाबाद के निकट दभेड़ी टोल प्लाजा के संचालन से शामली और सहारनपुर के बीच यात्रा अब महंगी हो गई है। इस निर्णय से वाहन चालकों को अतिरिक्त आर्थिक भार का सामना करना पड़ रहा है, जबकि सड़क के कई हिस्सों और रेलवे ब्रिजों का निर्माण कार्य अभी भी अधूरा है।
टोल प्लाजा का शुभारंभ और शुल्क विवरण:
शनिवार सुबह 8 बजे, नेशनल हाईवे एनएच 709बी पर दभेड़ी टोल प्लाजा का उद्घाटन किया गया। टोल प्लाजा का टेंडर स्काईलार्क इन्फ्रा इंजीनियरिंग प्रा. लिमिटेड को प्रदान किया गया है। शुल्क संरचना इस प्रकार है:
- कार, जीप, वैन, हल्के वाहन: 55 रुपये (फास्टैग के बिना 110 रुपये)
- मिनी बस: 90 रुपये (फास्टैग के बिना 180 रुपये)
- ट्रक: 185 रुपये (फास्टैग के बिना 370 रुपये)
- 10 चक्के वाले वाहन: 200 रुपये (फास्टैग के बिना 400 रुपये)
- 12 से 16 चक्के वाले वाहन: 290 रुपये (फास्टैग के बिना 580 रुपये)
टोल प्लाजा के 20 किलोमीटर की परिधि में निवास करने वाले वाहन स्वामियों के लिए 330 रुपये मासिक शुल्क पर पास जारी किए जाएंगे, जिससे वे अनलिमिटेड यात्रा कर सकेंगे।
अधूरे निर्माण कार्य और वाहन चालकों की नाराजगी:
शामली से सहारनपुर के बीच जंधेड़ी फाटक और रामपुर मनिहारान रेलवे फाटक पर बन रहे दो रेलवे ब्रिज का कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। इसके अलावा, कई स्थानों पर सड़क निर्माण भी अधूरा है। इन परिस्थितियों में टोल प्लाजा का संचालन शुरू करने से वाहन चालकों में असंतोष व्याप्त है। उनका मानना है कि अधूरी सुविधाओं के बावजूद टोल वसूली अनुचित है।
वैकल्पिक मार्गों की खोज:
टोल शुल्क से बचने के लिए, कई वाहन चालक वैकल्पिक मार्गों की तलाश में हैं। हालांकि, इससे उनकी यात्रा की दूरी और समय दोनों में वृद्धि हो सकती है। इसके अलावा, स्थानीय सड़कों पर यातायात का दबाव बढ़ने की संभावना है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ सकता है।
निष्कर्ष:
दभेड़ी टोल प्लाजा के संचालन से दिल्ली-सहारनपुर नेशनल हाईवे पर यात्रा की लागत में वृद्धि हुई है। अधूरी सड़क और ब्रिज निर्माण के बीच टोल वसूली ने वाहन चालकों के बीच असंतोष को जन्म दिया है। सरकार और संबंधित अधिकारियों को चाहिए कि वे पहले सभी निर्माण कार्य पूर्ण करें, ताकि यात्रियों को सुरक्षित और सुविधाजनक यात्रा का अनुभव हो सके।
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